गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ से किसी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ के पाप नहीं कटतेः
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Manmohan Kumar AryaDate
11-Apr-2016Language
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UmeshUpload Date
19-Apr-2016Download PDF
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हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के अरà¥à¤§à¤•à¥à¤®à¥à¤ व आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ दिवस 10 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² के अवसर आज यहां आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की à¤à¤µà¥à¤¯ व विशाल शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ नगर कीरà¥à¤¤à¤¨ में à¤à¤¾à¤— लेने का अवसर मिला। कà¥à¤› कारणों से हमारी बस विलमà¥à¤¬ से पहà¥à¤‚ची अतः हम शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ आरमà¥à¤ होने के कà¥à¤› समय बाद ही उसमें समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हो सके। इस समय शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ गंगा के तट व à¤à¤• पà¥à¤² पर है जहां à¤à¤• कार के ऊपर बैठे हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ सतà¥à¤¯à¤µà¥à¤°à¤¤ सामवेदी जी महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ विषयक कà¥à¤› तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सामने खड़ी आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¤¤à¤¾ को बता रहे हैं। इनसे पूरà¥à¤µ सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, नई दिलà¥à¤²à¥€ के यशसà¥à¤µà¥€ मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ विटà¥à¤ लराव जी ने आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ किया। हमनें आरà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ से उनके समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ के बारे में पूछा तो सà¤à¥€ ने उनके समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ को तथà¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ अति पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ बताया। सामवेदी जी के बाद सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ यशसà¥à¤µà¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी का समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ वहीं सड़क पर शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ को रोककर हà¥à¤†à¥¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤œà¥€ ने कहा कि गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने से गंगा के शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं के पाप कटने वाले नहीं है। बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ को छोड़े बिना कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯ पाप से मà¥à¤•à¥à¤¤ नहीं हो सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यहां आये हà¥à¤ à¤à¤¾à¤ˆ बहिनों में देहरादून से à¤à¥€ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग आयें हैं जिनमें गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ और दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² की छातà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ व उनकी विदà¥à¤·à¥€ आचारà¥à¤¯à¤¾ डा. अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ जी à¤à¥€ हैं। आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ माननीय शà¥à¤°à¥€ गोविनà¥à¤¦ सिंह à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€ जी वागेशà¥à¤µà¤° से अपने साथियों के साथ आयें हैं जिनमें कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ व निकटवरà¥à¤¤à¥€ परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनेक à¤à¤¾à¤ˆ व बहिनें à¤à¥€ हैं। आज की शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ में 15 पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ की आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾à¤“ं के अनेक सà¤à¤¾à¤¸à¤¦ व सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ व गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ इस à¤à¤µà¥à¤¯ शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ के साकà¥à¤·à¥€ बने हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी ने बताया कि हमारे सामने के चणà¥à¤¡à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी ने तप किया था। इसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी ने पाखणà¥à¤¡ खणà¥à¤¡à¤¿à¤¨à¥€ पताका फहराकर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ के पाखणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ व अनà¥à¤¯ मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी व उनके कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर ही हम यहां अरà¥à¤§à¤•à¥à¤®à¥à¤ के अवसर पर वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° का शिविर चला रहे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी ने इस विशाल à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤¯à¤¸à¤¾à¤§à¥à¤¯ कारà¥à¤¯ में आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ गोविनà¥à¤¦ सिंह à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€ के सहयोग की सराहना की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤œà¥€ का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ पूरा होने पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लोगों में जोश à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिठअनेक नारे लगाये जिनमें से कà¥à¤› थे, ‘‘कनà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥‚à¥à¤°à¤£ हतà¥à¤¯à¤¾ मिटायेंगे, जातिवाद मिटायेंगे, आरà¥à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बनायेंगे, पाखणà¥à¤¡à¤µà¤¾à¤¦ मिटायेंगे, वैदिक धरà¥à¤® फैलायेंगे, गोहतà¥à¤¯à¤¾ बनà¥à¤¦ करो, बनà¥à¤¦ करो और पाखणà¥à¤¡à¤µà¤¾à¤¦ मिटाने को ऋषि दयाननà¥à¤¦ आये थे।” इन जयघोषों व नारों को लोगों ने इतने उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ से लगाया कि हम à¤à¥€ अपने आप को रोक न सके और हमने à¤à¥€ अपनी पूरी शकà¥à¤¤à¤¿ से इन नारों में à¤à¤¾à¤— लिया। शोà¤à¤¾ यातà¥à¤°à¤¾ अनेक मारà¥à¤—ों से होती हà¥à¤ व ऋषि का जयघोष करती हà¥à¤ˆ शिविर में पहà¥à¤‚ची जहां सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी ने अपने संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ विचार रखे। आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¤¤à¤¾ को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम व हमारे अनेक साथी यहां विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में विगत लगà¤à¤— 1 माह से तप कर रहे हैं। à¤à¥€à¤·à¤£ गरà¥à¤®à¥€, आंधी व अनेक विपरीत सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को यहां हमारे साथियों ने सहन किया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤œà¥€ ने कहा कि यह हमारे शिविर का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤¸à¤¾ हैं जहां महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के जीवन की घटनाओं, आतà¥à¤®à¤¾ व परमातà¥à¤®à¤¾ का चिनà¥à¤¤à¤¨ करने पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ लगता है। यहां विगत दिनों चारों वेदों के सà¤à¥€ मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से यजà¥à¤ž समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤† है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ जी ने यहां की à¤à¥‚मि व वातावरण को वेदों की ऋचाओं से गà¥à¤‚जा दिया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी ने जयघोष लगाया तो à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¿à¤à¥‹à¤° लोगों ने वैदिक धरà¥à¤® की जय की धà¥à¤µà¤¨à¤¿ अपनी पूरी शकà¥à¤¤à¤¿ से की जिससे सà¤à¤¾ मणà¥à¤¡à¤ª का वातवारण ऋषि à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रंग में रंग गया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ सागर मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का परिचय देते हà¥à¤ बताया कि सागर à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• नगर है और वहां à¤à¤• शानदार आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ है। वहां से 6-7 लोग हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• सà¤à¤¾ की बैठक व शोà¤à¤¾ यातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¤¾à¤— लेने पधारे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अरà¥à¤§à¤•à¥à¤®à¥à¤-मेले पर की गई वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में सहयोग के रूप में गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ हजार रूपयों की धनराशि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की। अनà¥à¤¯ कà¥à¤› लोगों ने à¤à¥€ अपनी-अपनी ओर से सहयोग राशियां पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जिनका परिचय सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤¶ जी ने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को कराया।
आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पं. सतà¥à¤¯à¤µà¥à¤°à¤¤ सामवेदी ने शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ के मधà¥à¤¯ à¤à¤• वाहन की छत पर बैठकर अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ में योगेशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ कहा कि वह गोपाल थे। गोपाल गाय का पालन करने वाले को कहते है। अतः योगेशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी गोपालन करते थे। हमें उनसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर गोपालन करना चाहिये। शà¥à¤°à¥€ सामवेदी जी ने कहा कि ईशà¥à¤µà¤° यजà¥à¤žà¤®à¤¯ है, इसलिठहमें व आप को à¤à¥€ यजà¥à¤ž बनना है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यदि हम सब यजà¥à¤ž करेंगे तो देश में सूखा नही पड़ेगा, à¤à¥à¤–मरी नहीं होगी व किसान आतà¥à¤® हतà¥à¤¯à¤¾ नहीं करेंगे। गोरकà¥à¤·à¤¾ से किसान समृदà¥à¤§ होगा। अनेक राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में शराब बनà¥à¤¦à¥€ की à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चरà¥à¤šà¤¾ की और सारे देश में शराबबनà¥à¤¦à¥€ किठजाने की मांग की। शà¥à¤°à¥€ सामवेदी जी ने शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥à¤šà¤°à¤£ छागला जी की चरà¥à¤šà¤¾ कर बताया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शराब बनà¥à¤¦à¥€ के लिठआमरण अनशन किया और अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£ दिये। आपने कहा कि आज देश में बहà¥à¤¤ सारे समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ हैं परनà¥à¤¤à¥ यहां आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का à¤à¤• ओ३मॠका ही à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾ चहà¥à¤‚ओर फहरा रहा है जो पाखणà¥à¤¡ खणà¥à¤¡à¤¨ व ऋषि की दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ का सूचक है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब तक हमारे आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ जीवित है, हमारे देश का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ उजà¥à¤œà¤µà¤² है। अपने विचारों को विराम देने से पूरà¥à¤µ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हमारा सफर तब तक चलेगा जब तक कि हम पूरे विशà¥à¤µ को आरà¥à¤¯ नहीं बना लेंगे।
देश विदेश में आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के विचारों व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ आज देश व समाज को है, उस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के विचारों को आप यहां हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के अरà¥à¤§à¤•à¥à¤®à¥à¤ के शिविर के अवसर पर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ है। आप इतिहास पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालिये। विशà¥à¤µ में अनेक महापà¥à¤°à¥à¤· हà¥à¤ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनेक अचà¥à¤›à¥‡ कारà¥à¤¯ किठहैं। यदि उन सà¤à¥€ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी से करेंगे तो पायेंगे की ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बहà¥à¤¤ ऊंचा है। उनके विचार सà¤à¥€ विषयों पर बहà¥à¤¤ ऊंचे हैं और साथ हि मानव जाति के लिठकलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¤• à¤à¥€ हैं। ऋषि दयाननà¥à¤¦ के विचारों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने पर यह तथà¥à¤¯ à¤à¥€ सामने आता है कि उनके विचार विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर आधारित हैं। उनके विचारों में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विरोधी कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विशà¥à¤µ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के वेद विषयक विचारों पर अपनी समà¥à¤®à¤¤à¤¿ दी है जो कि अतीव महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ व पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा से यà¥à¤•à¥à¤¤ है। आचारà¥à¤¯ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने योगी अरविनà¥à¤¦ के विचारों को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। अरविनà¥à¤¦ जी ने कहा है कि ऋषि दयाननà¥à¤¦ को वेदों के समà¤à¤¨à¥‡ की कà¥à¤‚जी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ थी। वेद के परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ की सबसे ऊंची चोटी की उपमा देकर गौरवानà¥à¤µà¤¿à¤¤ किया है। शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा कि बà¥à¤¦à¥à¤§, महावीर, ईसा, मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦, राम व कृषà¥à¤£ के à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने अपने इन गà¥à¤°à¥à¤“ं की मटà¥à¤Ÿà¥€ पलीद की। ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने इन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को कीचड़ से निकाला और यह सब पतित पावन बने। शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने कहा कि ऋषि दयाननà¥à¤¦ तो सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° पावन ही पावन थे। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ अनोखे ऋषि थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी पूजा नहीं चलाई और देश की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ के लिठअपनी राख को à¤à¥€ किसी किसान के खेत में खाद के रूप में उपयोग करने की बात कही थी। शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा कि आज लोग हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤—त, समà¥à¤®à¤¾à¤¨ व सतà¥à¤•à¤¾à¤° करते हैं परनà¥à¤¤à¥ हमारे ऋषि का सà¥à¤µà¤¾à¤—त व समà¥à¤®à¤¾à¤¨ तो लोग पतà¥à¤¥à¤°, धूल, तलवार व विष देकर करते थे। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि हम जो अचà¥à¤›à¥‡ विचार व उपदेश सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ उनका मनन करें व उसे अपने जीवन में आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संसार की सà¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ मत, पनà¥à¤¥ व समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ की देन हैं। शराब और गोहतà¥à¤¯à¤¾ की चरà¥à¤šà¤¾ कर इन शराब व गोमांसाहार के वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¨à¥‹à¤‚ को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हानिकारक व निनà¥à¤¦à¤¨à¥€à¤¯ बताया। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाये गये आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के शारीरिक, सामाजिक व आतà¥à¤®à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के नियम व इससे होने वाले लाà¤à¥‹à¤‚ की चरà¥à¤šà¤¾ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने की और अपने वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ को विराम देते हà¥à¤ कहा कि महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने वेदपà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने के लिठआरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ रूपी वृकà¥à¤· लगाया था। शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯ जी का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ आरमà¥à¤ होने से पूरà¥à¤µ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, आनà¥à¤§ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की ओर से शाल ओढ़ाकर उनका समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ किया गया।
दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² देहरादून की विदà¥à¤·à¥€ आचारà¥à¤¯à¤¾ डा. अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ ने अपने वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ का आरमà¥à¤ ओ३मॠऋतं च सतà¥à¤¯à¤‚ चाà¤à¥€à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¤ तपसोऽधà¥à¤¯à¤œà¤¾à¤¯à¤¤ मनà¥à¤¤à¥à¤° से किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम सब हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में वेद पà¥à¤°à¤šï
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